आज चेहरे पर एक मिठीसी मुस्कान क्यो है ?

आज चेहरे पर एक मिठीसी मुस्कान क्यो है

याद तुम्हारी वैसे तो आती नहीं…
पर तुम्हारी याद दिलानेवाले
कुछ कमिने दोस्त आज भी है ।
वो दोस्त ही थे जिन्होंने  इश्क का दिया आगे बढाया ।
वो दोस्त ही थे जिन्होंने तुमको भाभी बनाया ।
हम कहा सिरियस थे पर इन साथियों ने हमारे किस्से को सिरियस बनाया ।
कहानी अधुरी रहि और इस इश्क में जान जाते जाते बच गयें  हम ।
पर आज भी नहीं सुधरे ये दोस्त और न ये मौसम।
आज भी दिलाते है याद तुम्हारी कभी कभी…

ना पूछो । आज चेहरे पर एक मिठीसी मुस्कान क्यो है ।।

1 thought on “आज चेहरे पर एक मिठीसी मुस्कान क्यो है ?”

  1. Great 👍

    कहानी अधूरी ही सही पर याद आज भी है
    दोस्त कमीने ही सही पर सिलसिला बढ़ाने वाले आज भी हैं
    मेरे दोस्त तू कोशिश तो कर तेरा किस्सा सीरियस करने वाले गुल ए गुलज़ार आज भी है

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